राजनैतिक विशेषज्ञों का विश्लेशण कितना होगा सच साबित

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            राकेश रागी संपादक

राजनैतिक विश्लेषण
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______ सपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पीडीए का फार्मूला हुआ हिट
_______ पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों का बना गठजोड़ भाजपा का परंपरागत वोट पर हुआ सपा का कब्जा
_______ शाक्य लोधी राजपूत मतदाताओं ने सपा के पक्ष में बढ़-चढ़कर किया मतदान
______ दलितों ने संविधान बचाने के नाम पर सपा का दिया साथ बड़े पैमाने पर दलित वोट सपा में हुआ ट्रांसफर
_____ 10 लोकसभा सीटों में से 6 से अधिक लोकसभा सीटों पर सपा का हो सकता है कब्जा भाजपा को मिल सकती है करारी शिकस्त
______ 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 लोकसभा सीटों में से आठ पर भाजपा ने किया था कब्जा इस बार 6 सीटों का हो सकता है नुकसान
—————- उत्तर प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण के मतदान के बाद राजनैतिक विश्लेषकों ने मतदान की समीक्षा शुरू कर दी हैं! मतदान किस दल के पक्ष में हुआ किस दल को होगा नुकसान किसे मिलेगा फायदा विश्लेषण करना शुरू कर दिया हैं। भाजपा का राम मंदिर और पांच किलो फ्री राशन का मुद्दा पूरी तरह फ्लाप हो गया है। जबकि सपा का संविधान बचाने किसानों को उनकी उपज का बाजिव मूल्य दिलाने का मुद्दा कारगर होता दिखाई दे रहा है! जिसकी बजह से भाजपाई खेमे में खलबली मची हुई है!
आइए सबसे पहले बात करते हैं लोकसभा चुनाव 2014 की जिस चुनाव में मोदी लहर के कारण सभी दलों का सफाया हो गया था उसके बाद 2019 में जो चुनाव हुआ उसमें भी राम मंदिर धारा 370 जैसे तमाम मुद्दे कारगर साबित हुए लेकिन इस 2024 के लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी महंगाई भ्रष्टाचार किसानों की बदहाली जैसे मुद्दे कारगर साबित हो रहे हैं मोदी मैजिक पूरी तरह से समाप्त होता दिखाई दे रहा है!
बात करते हैं लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी की इस बार जिस तरीके से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुलकर पीडीए का नारा दिया और संविधान बचाने लोकतंत्र को मजबूत करने नाम पर दलित पिछड़े और अल्पसंख्यकों को लामबंद करने की कोशिश की उनकी यह कोशिश सफल होते दिखाई दे रही है इस बार बड़े पैमाने पर दलित पिछड़े अल्पसंख्यकों ने सपा के पक्ष में खुलकर मतदान किया हैं।
मजे की बात यह रही कि बसपा का दलित वोट खास करके जाटव भी बसपा से खिसक गया जबकि शाक्य और लोधी राजपूत बड़े पैमाने पर सपा के साथ खड़े हो गए जिसके कारण सपा की ऐतिहासिक जीत होती दिखाई दे रही है ऐसा राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है इस बार के चुनाव में मोदी का मैजिक पूरी तरह सफल होता दिखाई दे रहा है यहां तक की हिंदू मुस्लिम पाकिस्तान वोट जिहाद जैसे शब्द भी नाकाम साबित हुए हैं इसका मुख्य कारण महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही बड़े पैमाने पर हुआ इलेक्टोरल बॉन्ड में घोटाला बताया जा रहा है।
भाजपा के सभी स्टार प्रचारक 400 पर का नारा भूल कर अब हिंदू मुस्लिम पर आ गए हैं उन्हें अपनी हार दिखाई देने लगी है झूठ और जुमलेबाजी पूरी तरह बेनकाब होती दिखाई दे रही है राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो इस बार आम मतदाताओं ने भाजपा की झूठ पर विश्वास करने की बजाय रोजगार महंगाई और संविधान बचाने के नाम पर भाजपा को नजरअंदाज किया है अगर राजनीतिक विशेष लोगों का विश्लेषण सही साबित होता है तो भाजपा को तीसरे चरण की 10 सीटों में से 6 सीटों का नुकसान होना तय माना जा रहा है!

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