दलित पिछड़ों की एकता सपा प्रत्याशी सांसद डिंपल यादव को ऐतिहासिक मतों से जिताने को तैयार

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                     विजय कठेरिया

साक्षात्कार
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_____ दलित पिछड़े और अल्पसंख्यकों की एकता देख भाजपा परेशान सपा की होगी ऐतिहासिक जीत
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लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं का झूठ और जुमलेबाजी बेअसर साबित हो रही है! इस बार आम मतदाता महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर मतदान कर रहा है सबसे अहम मुद्दा यह है अगर एक बात फिर भाजपा की सरकार बन जाती है तो वह संविधान बदल सकती है जिससे दलित पिछड़ों को मिलने वाला आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा तथा अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा सकता है इसलिए पीडीए ने मिलकर यह निर्णय लिया हैं कि इस बार समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सांसद डिंपल यादव को जिताया जाएगा ताकि संविधान को लोकतंत्र की रक्षा की जा सके आरक्षण को बचाया जा सके यह विचार युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव विजय कठेरिया ने डी न्यूज़ सुपरफास्ट समाचार बेवसाइट के चीफ एडिटर  राकेश रागी से विशेष भेंट के दौरान व्यक्त किये!
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मनुवादी सोच हमेशा दलितों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती रही है हिंदुत्व के नाम पर दलितों का वोट तो लेना जानती है भारतीय जनता पार्टी लेकिन जब सामाजिक बराबरी की बात आती है तो वह दलितों को कभी भी सामाजिक बराबरी का अधिकार देने के लिए तैयार नहीं हुई है भाजपा पिछड़े और दलितों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने के लिए संविधान बदलना चाहती है इसलिए दलित और पिछड़ों को मिलकर इस बार भाजपा को हराना होगा और संविधान की रक्षा का संकल्प लेकर चुनाव मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भारी मतों से जीतना होगा तभी हम संविधान बचा सकेंगे!
श्री कठेरिया ने कहा कि मैनपुरी जनपद हमेशा नेताजी की कर्मभूमि रही है नेताजी के इशारे पर मैनपुरी के लोगों ने मतदान किया है इस बार नेताजी की विरासत को संभालने के लिए समाजवादी पार्टी ने सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है वह अपनी जीत का रिकार्ट तोड़कर 3 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल करेंगे सपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के रोड शो में  उमड़े जनसैलाब ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है। कि मैनपुरी नेता जी की कर्मभूमि रही है और हमेशा रहेगी!
उन्होंने कहा कि दलित और पिछड़े इस बार संविधान बचाने के लिये मतदान करने का मन बना चुके है! उन्हें इस बात की भनक लग चुकी है। कि भाजपा अगर इस बार सत्ता में आती है। तो वह दलित पिछड़ों के अधिकार छीन लेगी इस लिए वह सपा को जिताने के लिये एकजुट हो गए हैं जिससे भाजपा नेता परेशान है भाजपाई अपनी हार सामने देखकर बौखला रहे है इस लिए दलितों पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को सावधान रहकर मतदान करना होगा ताकि सपा प्रत्याशी को ऐतिहासिक मतों से जिताया जा सके!

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